Thursday, September 27, 2012

GALAXY Tab 2

I think I am the only one,who shifted to a tablet from an key-pad mobile phones,without touching an touch screen mobile. but,,,,,i am happy to get it.

Tuesday, August 7, 2012

Feeling Happy

Finally,,,,,,the struggle of two years come to an end.
I started this blog,when I got the idea of being an MBA.
It was not rather too easy,,,,but finally I managed to do it.
Feeling Happy,Releaved ,Top of the world .

Thursday, June 7, 2012

Thursday, March 1, 2012

Leap Year Day 29 Feb


Special day-leap years day 29 Feb...has to be really special day.First to college, evening exhibition,then to Swad and had masala Dosa.But all this was not enough I think,we again went to indranagar searching for Dominos Piza,and found that it was shifted to near our home at jankipuram.After having Piza we came back home,it was already 10 O'clock. Rahul and ap still needed something more and closed the party with Daal-Chawal. The special day really passed with special masti and now waiting for the next 3 years for this day again......

Wednesday, February 15, 2012

Sunday, January 1, 2012

Friday, September 16, 2011

september 2011

*तुझे कभी मेरे दर्द का दर्द भी नहीं हुआ |
पर मुझे तेरे हर एहसास का एहसास है ||सीमा राजपूत ♥
September 3 at 12:44am


* कुछ उलझे -उलझे से गेसूं ,
कुछ सफ़र की थकान |
कुछ मन में उलझने ,
कुछ इधर तो कुछ
उधर का ख्याल ||सीमा राजपूत
September 6 at 12:58am

अगर वो आसमानों में बुलाये तो चले जाना
मोहब्बत करने वाले फासले देखा नहीँ करते
--वसीम बरेलवी--

*गर उनको हमसे मोहब्बत होती ज़रा भी वसीम |
... तो बिन हमारे क्या इतना लम्बा फासला तै करते ||
--सीमा राजपूत --

September 13 at 1:08pm


* तेरा टूटकर भिखर जाना ही मेरे लिए हादसा है |
अब और किसी हादसे से डर नहीं लगता ||सीमा राजपूत ♥
September 13 at 3:59pm



*मेरे घर की खिड़की से चाँद नज़र आता है ,
एक प्यारा सा अहसास छू जाता है |
एक वो भी है जिसकी ख्वाहिश इस दिल को रहती है,
पर वो है के दूज के चाँद से भी काम नज़र आता है ||सीमा राजपूत
September 13 at 9:32pm


* प्यार मोहब्बत से लूटा जिसने भी ,लूट लिया |
वरना हमे कोई लूट ले ,ऐसा तो ज़माने में दम नहीं ||सीमा राजपूत

*दिल कि किताब में रक्खा उसको फूलों कि तरह,
कि उसकी खुशब भी ना उड़ने पाए |
पर वो तो था इस बादल कि तरह ,
हवा के साथ उड़ गया ना रोक पाए ||सीमा राजपूत

Friday, August 19, 2011

*मोहब्बत ना करो तो कोई बात नहीं |
गिले-शिकवों का बहाना ढूँढ़ते रहना ||
गली से मेरी ना गुजरो कोई बात नहीं ,
ख्वाबों में मगर मुझे ढूँढ़ते रहना ||सीमा राजपूत
Wednesday at 12:32am

*आपके चाहने वाले हाल आपका बताते नही |
मोहब्बत है आपसे फिर भी जताते नहीं ||
हम तो बात आपकी करने में भी शरमाते नहीं |
वो बेदर्द हैं जो कुछ भी बताते नहीं ||
हम यूँही आपकी यादों का खज़ाना लुटाते नहीं |
......अफसाने तो बन जाते हैं हम बनाते नहीं ||
वो तो मेरे दर्द का कतरा-कतरा लूट लेते हैं |
आपकी कोई बात ज़रा भी बताते नहीं ||सीमा राजपूत ♥

Wednesday at 2:20pm

*हम भूलके भी तुझे भूल ना सके ,
और तुम्हे तो हम्हे याद रखना भी याद ना रहा |सीमा राजपूत
2011 August 25 at 12:55am

*तुझे कभी मेरे दर्द का दर्द भी नहीं हुआ |
पर मुझे तेरे हर एहसास का एहसास है ||सीमा राजपूत ♥
2011 September 3 at 12:44am

तेरी मोहब्बत...

*तेरी मोहब्बत...
क्या बात है |
मोहब्बत में चर्चा मेरा...
क्या बात है |
चर्चे में गुस्सा तेरा...
...क्या बात है |
गुस्से में फिक्र मेरी...
क्या बात है |
फिक्र में चाहत तेरी...
क्या बात है |
तेरी चाहत से मोहब्बत मेरी...
वाह...क्या बात है |"सीमा राजपूत
July 29 at 12:40pm
* बस एक ही सवाल है,,,

कैसे मुझको भुला पाओगे तुम ,
क्या अपनी सांसों को रोक पाओगे तुम ||
यादों से जो निकाल फेकोगे मुझे ,
क्या कभी चैनसे सो पाओगे तुम ||
कह तो दिया कि भूल जाये हम,
क्या यादों को मेरी मिटा पाओगे तुम ||
मेरे ख़त तो मुझे लौटा दिए,
क्या अपने लिखे ख़त जला पाओगे तुम ||
बस एक ही सवाल है मेरा,
क्या जवाब दे पाओगे तुम ||
दिल से, यादों से निकाल फेका,
रूह को जिस्म से कैसे जुदा कर पाओगे तुम ||"सीमा राजपूत

July 29 at 2:42am ·

Thursday, July 28, 2011

*टूटे दिल कि आवाज़

*कलम टूटे तो फिर ले आऊं,इस टूटे दिल से अल्फाज़ कहा से लाऊं |

अब तो आंसू भी सूख गये ,वो भूली मुस्कान कहाँ से लाऊं ||

एक तेरे वादे कि खातिर ,हमने बाकी सारे वादे तोड़ दिए |

जो तेरा वादा टूटा अब ,उसे सहने को जज़्बात कहाँ से लाऊं ||

तुझसे मिलने से पहले ये दिल , कहाँ किसी पे ऐतबार करता था |

अब जो तुने दिल तोडा तो ,फिर से सीने में वो एहसास कहाँ से लाऊं ||

मुस्कान गयी और दिल टूटा ,अश्कों का समुन्दर खाली हुआ, अच्छा हुआ |

जो भी हुआ अच्छा हुआ ऐ रब ,तू ही बता पर वो गुज़रा हुआ वक़्त कहाँ से लाऊं ||"सीमा राजपूत "
* कौन साथ देता मुश्किलों मैं भला |
साया भी साथ छोड़ देता हैं अंधेरों मैं ||
एक गम ही तो अपना है दोस्तों |
वरना ,अँधेरा भी तो खो जाता है सवेरों में ||"सीमा राजपूत "
2011 July 18 at 2:00pm

*तेरी आगोश में सर रखके सो जाऊं ,
सुना है मौत गहरी नींद सुलाती है |
ये कमबख्त जान है कि निकलती नहीं ,
शायद ज़िन्दगी के इम्तिहान अभी बाकी हैं |"सीमा राजपूत "
2011 July 19 at 1:14am

*नज़र से नज़र मिले तो नज़रें चार होती हैं |
दिल से दिल मिले तो दो दिल एक होते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 7:34pm


*जिन्हें डूबने का डर हो ,वो सहारा ढूंडा करते हैं |
पर, जो प्यार में डूबा,वो बस किनारा ढूंडा करते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 9:40pm

*मुझे पत्थर-दिल कहने वाले से जाके कहदो ज़रा |
पत्थर-दिल होने के लिए दिल तो होना चाहिए ||"सीमा राजपूत "
2011 July 23 at 2:44pm


*जख्म तो भरते हैं धीरे -धीरे,भुलाने की जरुरत नहीं पड़ती |
जो अपने होते हैं उन्हें, बुलाने की जरुरत नहीं पड़ती ||"सीमा राजपूत "
2011 July 28 at 1:00pm

*तू याद करे ना करे तेरी मुश्किल ,
तुझे याद करना मज़बूरी है मेरी |"सीमा राजपूत "
2011 July 29 at 12:44pm

*ये इश्क भी बड़ा कम्बक्ख्त है,
हर हाल में रोना पड़ता है |
जब बेवफाई का दर्द था,तभ भी रोता था,
अब जो फिर से मोहब्बत हो गयी,
तो जुदाई में रोना पड़ता है ||"सीमा राजपूत "
2011 July 31 at 12:52am

Friday, July 15, 2011

my pen

*कह जाना दो बातें मुझसे ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |
कुछ अपनी कहना कुछ मेरी सुनना ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |

...कुछ कही अनकही बाते हैं,
उलझन को सुलझाते हैं ,
कहाँ फिर तुम जल्दी आते हो ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |

वो जो बरसों से प्यासी हैं ,
मेरी इन अखियों में उदासी है ,
अपनी खातिर ही रुक जाओ ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |"सीमा राजपूत "


* अपनी नींद और मेरी नींद,दोनों लेके सो जाते हो |
कितने ज़ालिम हो ,मेरी रातों को खाली कर जाते हो ||"सीमा राजपूत "

15 JUly 2011

Friday, July 1, 2011

*हाँ, जिक्र उनका महफ़िल में सुबह शाम होता है,
हर शख्स कि जुबान पे उनका नाम होता है,
हम भी लेलेते हैं नाम उनका चुपके से ,
क्यूंकि, यारों ये इश्क बड़ा बदनाम होता है ||*

*आह भरो या करदो कतल ,
आजकल का प्यार बड़ा महंगा है,
और चर्चा भी नहीं होता |
और सच तो ये है ,कि
सच्चे प्यार में कोई खर्चा नहीं होता ||*

*गौरसे देखो तो सही ,
इन हातों की लकीरों में किसी का तो नाम होगा |
ज़िन्दगी इतनी भी बेवफा तो नहीं ,कुछ तो ज़रूर दिया होगा ||*

*बाद मुद्दत के इस दिल को करार आया |
तेरे ख्याल में ही सही ,मेरा ख्याल तो आया ||*
1 July 2011

*निगाहें झुक जाएँगी तो हम पढेंगे कैसे |
कायनात रुक जाएगी तो हम मिलेंगे कैसे ||
तेरी ख़ामोशी ही हार बात कह जाती है |
पर इतना खामोश रहे तो हम जियेंगे कैसे ||*
3 July 2011

*हम मुस्कुराएँ उन्हेँ देखकर कि उन्हेँ गम ना हो |
और उन्होंने समझा कि हमारा हाल अच्छा है || ♥

* तू ही बता ,जिउं तो जिउं कैसे ?
तेरे बिन जो खालीपन है ,
उसे भरून तो भरून कैसे ?*
4 July 2011

*बचपन बीता जिन गलियों में ,
हम दोबारा ना आ पाए वहां |
कभी हमारा भी
आशियाँ हुआ करता था यहाँ || ♥
6 July

*तेरी यादें दिल से नहीं जातीं ,
हार रोज़ चली आतीं हैं |
सोचा कि सोयें तो चैन आये ,
पर
अब नींद किस कमबख्त को आती है ||♥
7 July

*Jo har rat sapne dikhakar hame sulate they.
Ab unhe bin hamare neend bhi aane lagi :->
7 July

*unka dil itna bada tha ki,humare siwa jane kitno jagah mili.
Hum khamkha hi unhe chote dil ka samjhe,aur in ankho se aansu baraste rahe.
9 July

*यूँ तो रोज रोज वो हमें सताते हैं ,
दिल तोडके मेरा मुस्कुराते हैं |
चले जायेंगे बहुत उनसे कहदो ,
सुना हैं
जाने के बाद लोग बहुत याद आते हैं ||♥
10 July