* बस एक ही सवाल है,,,
कैसे मुझको भुला पाओगे तुम ,
क्या अपनी सांसों को रोक पाओगे तुम ||
यादों से जो निकाल फेकोगे मुझे ,
क्या कभी चैनसे सो पाओगे तुम ||
कह तो दिया कि भूल जाये हम,
क्या यादों को मेरी मिटा पाओगे तुम ||
मेरे ख़त तो मुझे लौटा दिए,
क्या अपने लिखे ख़त जला पाओगे तुम ||
बस एक ही सवाल है मेरा,
क्या जवाब दे पाओगे तुम ||
दिल से, यादों से निकाल फेका,
रूह को जिस्म से कैसे जुदा कर पाओगे तुम ||"सीमा राजपूत
July 29 at 2:42am ·

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