Thursday, July 28, 2011

* कौन साथ देता मुश्किलों मैं भला |
साया भी साथ छोड़ देता हैं अंधेरों मैं ||
एक गम ही तो अपना है दोस्तों |
वरना ,अँधेरा भी तो खो जाता है सवेरों में ||"सीमा राजपूत "
2011 July 18 at 2:00pm

*तेरी आगोश में सर रखके सो जाऊं ,
सुना है मौत गहरी नींद सुलाती है |
ये कमबख्त जान है कि निकलती नहीं ,
शायद ज़िन्दगी के इम्तिहान अभी बाकी हैं |"सीमा राजपूत "
2011 July 19 at 1:14am

*नज़र से नज़र मिले तो नज़रें चार होती हैं |
दिल से दिल मिले तो दो दिल एक होते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 7:34pm


*जिन्हें डूबने का डर हो ,वो सहारा ढूंडा करते हैं |
पर, जो प्यार में डूबा,वो बस किनारा ढूंडा करते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 9:40pm

*मुझे पत्थर-दिल कहने वाले से जाके कहदो ज़रा |
पत्थर-दिल होने के लिए दिल तो होना चाहिए ||"सीमा राजपूत "
2011 July 23 at 2:44pm


*जख्म तो भरते हैं धीरे -धीरे,भुलाने की जरुरत नहीं पड़ती |
जो अपने होते हैं उन्हें, बुलाने की जरुरत नहीं पड़ती ||"सीमा राजपूत "
2011 July 28 at 1:00pm

*तू याद करे ना करे तेरी मुश्किल ,
तुझे याद करना मज़बूरी है मेरी |"सीमा राजपूत "
2011 July 29 at 12:44pm

*ये इश्क भी बड़ा कम्बक्ख्त है,
हर हाल में रोना पड़ता है |
जब बेवफाई का दर्द था,तभ भी रोता था,
अब जो फिर से मोहब्बत हो गयी,
तो जुदाई में रोना पड़ता है ||"सीमा राजपूत "
2011 July 31 at 12:52am

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