Friday, September 16, 2011

september 2011

*तुझे कभी मेरे दर्द का दर्द भी नहीं हुआ |
पर मुझे तेरे हर एहसास का एहसास है ||सीमा राजपूत ♥
September 3 at 12:44am


* कुछ उलझे -उलझे से गेसूं ,
कुछ सफ़र की थकान |
कुछ मन में उलझने ,
कुछ इधर तो कुछ
उधर का ख्याल ||सीमा राजपूत
September 6 at 12:58am

अगर वो आसमानों में बुलाये तो चले जाना
मोहब्बत करने वाले फासले देखा नहीँ करते
--वसीम बरेलवी--

*गर उनको हमसे मोहब्बत होती ज़रा भी वसीम |
... तो बिन हमारे क्या इतना लम्बा फासला तै करते ||
--सीमा राजपूत --

September 13 at 1:08pm


* तेरा टूटकर भिखर जाना ही मेरे लिए हादसा है |
अब और किसी हादसे से डर नहीं लगता ||सीमा राजपूत ♥
September 13 at 3:59pm



*मेरे घर की खिड़की से चाँद नज़र आता है ,
एक प्यारा सा अहसास छू जाता है |
एक वो भी है जिसकी ख्वाहिश इस दिल को रहती है,
पर वो है के दूज के चाँद से भी काम नज़र आता है ||सीमा राजपूत
September 13 at 9:32pm


* प्यार मोहब्बत से लूटा जिसने भी ,लूट लिया |
वरना हमे कोई लूट ले ,ऐसा तो ज़माने में दम नहीं ||सीमा राजपूत

*दिल कि किताब में रक्खा उसको फूलों कि तरह,
कि उसकी खुशब भी ना उड़ने पाए |
पर वो तो था इस बादल कि तरह ,
हवा के साथ उड़ गया ना रोक पाए ||सीमा राजपूत

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