Thursday, July 28, 2011

*टूटे दिल कि आवाज़

*कलम टूटे तो फिर ले आऊं,इस टूटे दिल से अल्फाज़ कहा से लाऊं |

अब तो आंसू भी सूख गये ,वो भूली मुस्कान कहाँ से लाऊं ||

एक तेरे वादे कि खातिर ,हमने बाकी सारे वादे तोड़ दिए |

जो तेरा वादा टूटा अब ,उसे सहने को जज़्बात कहाँ से लाऊं ||

तुझसे मिलने से पहले ये दिल , कहाँ किसी पे ऐतबार करता था |

अब जो तुने दिल तोडा तो ,फिर से सीने में वो एहसास कहाँ से लाऊं ||

मुस्कान गयी और दिल टूटा ,अश्कों का समुन्दर खाली हुआ, अच्छा हुआ |

जो भी हुआ अच्छा हुआ ऐ रब ,तू ही बता पर वो गुज़रा हुआ वक़्त कहाँ से लाऊं ||"सीमा राजपूत "