*कलम टूटे तो फिर ले आऊं,इस टूटे दिल से अल्फाज़ कहा से लाऊं |
अब तो आंसू भी सूख गये ,वो भूली मुस्कान कहाँ से लाऊं ||
एक तेरे वादे कि खातिर ,हमने बाकी सारे वादे तोड़ दिए |
जो तेरा वादा टूटा अब ,उसे सहने को जज़्बात कहाँ से लाऊं ||
तुझसे मिलने से पहले ये दिल , कहाँ किसी पे ऐतबार करता था |
अब जो तुने दिल तोडा तो ,फिर से सीने में वो एहसास कहाँ से लाऊं ||
मुस्कान गयी और दिल टूटा ,अश्कों का समुन्दर खाली हुआ, अच्छा हुआ |
जो भी हुआ अच्छा हुआ ऐ रब ,तू ही बता पर वो गुज़रा हुआ वक़्त कहाँ से लाऊं ||"सीमा राजपूत "

1 comment:
wahhhhh
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